किया आपने कभी सोचा है के हम मंदिर में घंटिया क्यों बजाते है , इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है, हमारे शास्त्रों में लिखी हर उल्लेख का एक ठोस वैज्ञानिक आधार है,
मंदिर की घंटियों की ध्वनि हमारे मन और शरीर में ७ सेकण्ड्स तक प्रवाह होती है , यह ध्वनि ७ सेकण्ड्स तक प्रवाह होने से हमारे अंदर ७ शक्ति केंद्रों या स्थानों में चेतना व समन्वय लाती है
यह चेतना और समन्वय हमे मदद करता है हमारे मन तन और आत्मा को एकग्रचित होकर मंदिर की शक्ति से जुड़ने का और उस शक्ति को अपने ग्रहण करने का ,
एक अटूट शांति और ध्यान की जागरूकता, जो हमे हमारी आत्मा और परमात्मा से एकाकी होने का आभास कराती है ,
संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है
कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद्
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