कई सालों बाद ऐसा हो रहा है जब हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या एक ही दिन है, सोमवार के दिन अमावस्या भी 15 साल बाद पड़ रही है । ऐसा संयोग साल 2004 में सावन माह के पुरुषोत्तम मास में था । तब दो बार सावन महीना पड़ा था, जिसके दूसरे सावन सोमवती अमावस्या का संयोग बना था । इस पहले साल 2000 भी ऐसा संयोग बन चुका है ।
प्रत्येक अमावस्या की तरह श्रावणी अमावस्या पर भी पितरों की शांति के लिए पिंडदान और दान-धर्म करने का महत्व है। इस बार की अमावस्या तिथि पर बेहद खास संयोग बन रहा है।
सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है । इसे चितलगी अमावस्या भी कहते हैं । शास्त्रों में कहा गया है कि इस अमावस्या पर सभी को पौधरोपण करना चाहिए । इससे देवों के साथ ही पितृ भी प्रसन्न होते हैं, जो अमावस्या पर पौधे नहीं लगा सकें, वे 23 जुलाई को हरियाली तीज पर भी पौधे रोप सकते हैं । इस दिन भी कई शुभ संयोग रहेंगे ।
श्रावण कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी । इस बार यह अमावस्या 20 जुलाई को पड़ रही है । इस दिन सावन सोमवार भी है । इससे यह अमावस्या सोमवती कहलाएगी । इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा और 5 अपने स्वयं के स्वामित्व वाली राशि में रहेंगे । इन योगों में किए गए सभी शुभ कार्य व धार्मिक अनुष्ठान विशेष फलदायी रहेंगे ।
श्रावण अमावस्या का मुहूर्त:
जुलाई 20, 2020 को 00:11:42 से अमावस्या आरंभ
जुलाई 20, 2020 को 23:04:10 पर अमावस्या समाप्त
पूजा-अर्चना विशेष:
गंगा जल से स्नान करें,
सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें
दान-दक्षिणा दें
वृक्षारोपण जरूर करें
हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें
अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं।
इस दिन ऐसा करने से घर से दरिद्रता दूर होती है।
शाम को शिवजी की विधिवत पूजा आराधना करें और उनको खीर का भोग लगाएं। ऐसा करने से आपको शिवजी की कृपा मिलती है।
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