सर्व मांगल्यकारी हिन्दू संस्कार वैदिक रक्षा सूत्र
रक्षा सूत्र मात्र एक धागा नहीं बल्कि शुभ भावनाओं व शुभ संकल्पों की शक्ति का एक समन्वय है। यही सूत्र जब वैदिक रीति से बनाया जाता है और भगवन्नाम व भगवद्भाव सहित शुभ संकल्प करके बाँधा जाता है तो इसका सामथ्र्य असीम हो जाता है ।
शास्त्रों में कहा गया है - इस दिन अपरान्ह में रक्षासूत्र का पूजन करे और उसके उपरांत रक्षाबंधन का विधान है। पुराणों में देवताओं या ऋषियों द्वारा जिस रक्षासूत्र बांधने की बात की गई हैं वह धागे की बजाय कोई मंत्र या गुप्त सूत्र भी हो सकता है। धागा केवल उसका प्रतीक है।
जनेन विधिना यस्तु रक्षाबंधनमाचरेत। स सर्वदोष रहित, सुखी संवतसरे भवेत्।।
अर्थात् इस प्रकार विधिपूर्वक जिसके रक्षाबंधन किया जाता है वह संपूर्ण दोषों से दूर रहकर संपूर्ण वर्ष सुखी रहता है। रक्षाबंधन में मूलत: दो भावनाएं काम करती रही हैं। प्रथम जिस व्यक्ति के रक्षाबंधन किया जाता है उसकी कल्याण कामना और दूसरे रक्षाबंधन करने वाले के प्रति स्नेह भावना। इस प्रकार रक्षाबंधन वास्तव में स्नेह, शांति और रक्षा का बंधन है। इसमें सबके सुख और कल्याण की भावना निहित है।
सूत्र का अर्थ धागा भी होता है और सिद्धांत या मंत्र भी।
हिन्दू संस्कार वैदिक रक्षा सूत्र मन्त्रों द्वारा सिद्ध किया गया है, अतः यह वैदिक रक्षासूत्र वैदिक संकल्पों से परिपूर्ण होकर सर्व-मंगलकारी है ।
यह रक्षासूत्र बाँधते समय यह श्लोक बोला जाता है :
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः ।
तेन त्वां अभिबध्नामि१ रक्षे मा चल मा चल ।।
इस मंत्रोच्चारण व शुभ संकल्प सहित हिन्दू संस्कार वैदिक रक्षा सूत्र एवं कवच आप किसी भी अपने प्रिय को बाँध सकते है तो उसकी सब अमंगलों से रक्षा होती है और एक सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत होता है जो उस व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक धारा प्रवाह संचार करता है ।
हिन्दू संस्कार वैदिक रक्षा सूत्र को आप ना तोह काटे और ना ही खोले , सूत्र को प्राकृतिक समन्वय से अपने आप खुलने दे ।
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The Hindu Sanskar Vedic Protective Thread for all auspiciousness
The Vedic Protective Thread
The protective thread is no ordinary thread, but a veritable and pious band of good wishes and good resolves. And when this protective thread is prepared in the Vedic way and is tied round the right wrist of a person with chanting of the divine name with divine Bhava and good resolve it becomes infinitely more powerful.
As per Purana, first worship the Hindu Sanskar Vedic Protective Thread and then tie it, in Puranas the God and Rishis have discussed about and shared about Protective thread, that can be mantra or secret sutra, thread is symbolic to those mantras and secret sutras,
जनेन विधिना यस्तु रक्षाबंधनमाचरेत। स सर्वदोष रहित, सुखी संवतसरे भवेत्।।
So in this way Protective thread is piously tied which protect us from negative energies round the year,
Thus the Vedic sutra or amulet is charged with the power of the Vedic mantras, the following Mantra is recited when the amulet is tied.
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः ।
तेन त्वां अभिबध्नामि१ रक्षे मा चल मा चल ।।
“I am tying on your hand this Raksha (amulet), with which the most powerful and generous King
Bali himself was bound. O Raksha don’t go away; don’t go away.”
is the Vedic form of the Raksha Bandhan mantra, The Hindu Sanskar Vedic Protective Thread can be tied to any loved one, this creates a positive energy around a person and help to sync mind, body and soul,
The Hindu Sanskar Vedic Protective Thread should not be cut or untied after wearing, let it naturally fall, is a sign of goodness,
Subh Muhurat of Raksha Bandhan 2020:
ShubhMuhurat for the Rakhi Tying Ceremony 05:49 to 18:01
Total Duration for Rakhi Tying Ceremony 11 Hours 49 Minutes
Aparahan Time during Raksha Bandhan 2020 13:47 to 16:28
Aparahan Duration 2 Hours 41 Minutes
Pradosh Time for Rakhi ceremony 19:10 to 21:17
Pradosh Duration 02 Hours 07 Minutes
Commencement of Rakhi Purnima 2nd August 2020 at 9:48 PM
Conclusion of Rakhi Purnima 3rd August 2020 at 9:48 PM
कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, शास्त्री जी से प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद्
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