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नमः शिवाय का महत्व और लाभ

जिनके मुख से ' नमः शिवाय ' यह पंचाक्षर मन्त्र सदा उच्चारित होता रहता है , वे मनुष्य भगवान् शंकर के स्वरूप हैं ।


प्रातः काल , मध्याह्न काल तथा सन्ध्या के समय शंकरजी का दर्शन करना चाहिये ।


प्रातःकाल भगवान् शिव के दर्शन से सम्पूर्ण पातकों का नाश हो जाता है । दोपहरके समय शिवजीके दर्शन से मनुष्यों के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा रात्रि - कालमें शंकरजीके दर्शन से जो पुण्य होता है , उसकी तो कोई गणना ही नहीं है । '

शिव यह दो अक्षरों का नाम महापातकोंका भी नाश करनेवाला है।


संस्कार क्रिया से शरीर, मन और आत्मा मे समन्वय और चेतना होती है, कृप्या अपने प्रश्न साझा करे, हम सदैव तत्पर रहते है आपके प्रश्नो के उत्तर देने के लिया, प्रश्न पूछने के लिया हमे ईमेल करे sanskar@hindusanskar.org संस्कार और आप, जीवन शैली है अच्छे समाज की, धन्यवाद् 

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