क्या आपने कभी सोचा है के दीपक काला धुआँ क्यों देता है?, क्योंकि वो अंधेरे का भक्षण करता है इसलिए काला धुआं बनता है, इसको अगर हम और गहराई में जाकर देखे तो समझ आएगा के हम प्रकार का अन्न खाते हैं, अन्न से अभिप्राय है के जिस प्रकार के हम विचार रखते है जैसे द्वेष, निंदा,जलन, अहंकार, गुस्सा, हम भी उसी प्रकार के हो जाते है या हम वो ही भावना अपने से बहार भेजते है
अगर हम सात्विक विचार रखेंगे तो हम सात्विकता ही अपने द्वारा बहार भेजेंगे अगर हम तामसिक रखेंगे तो तामसिक और राजसिक रखेंगे तो राजसिक वैसे ही विचार उत्पन्न होते हैं,
आप क्या तरंगे भेजना चाहते है वह आप पर निर्भर करता है, सात्विक, तामसिक या राजसिक, सोचिये
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